'सूर्यपथ से', का मूल स्वर राष्ट्रीय चेतना
'सूर्यपथ से', का मूल स्वर राष्ट्रीय चेतना
रचनाकार सदैव ही पीड़ित मानवता की वेदना को मुखरित करता रहा हैं!
सच्चा साहित्यकार अपने युग की परिस्थतियों को अपनी कलम की पैनी धार से समय शिला पर अमित अंकन करता हैं! युगीन परिस्थतियों का सच्चा लेखा- जोखा कवी की लेखनी से प्रस्तुत होता हैं! आजादी की लड़ाई को कवियों साहित्यकारों ने अपने ओजस्वी वाणी के द्वारा लड़ा! उन्होंने गीतों कविताओं की अखण्ड ओजस्वी शक्ति द्वारा जन जन में चेतना का संचार किया सोये हुए नरसिंहो को जगाने का कार्य किया!
...........................विस्तार पूर्वक
**************************************************************************************************************************************************
मनोवैज्ञानिक एवं दार्शनिक फलक पर कबीर
कबीर का व्यक्तित्व विराट था! सच्चे मनोवैज्ञानिक की भूमिका में उन्होंने राजनीतिक उथल-पुथल एवं राजाओं की शक्तिहीनता से उत्पन्न अनास्था एवं उदासीनता से उपजे हुए उपेछित मानव समाज को अपने कटु-चिंतन द्वारा वेद (कतेब) (कुरान) देवी-देवताओं,मूर्ति पूजा आदि पर गहरी चोट करते हुए धार्मिक अंतविरोध एवं सामजिक विश्र्न्खलाओं में समन्वयात्मक ऐवं एकता के मार्ग से युग - युगों तक ससीम और असीम के मिलन बिंदु की और मानव -मन की यात्रा को आलोक पथ दिया!
...........................विस्तार पूर्वक
*************************************************************************************************************************************************
रीना जी द्वारा संचालित बच्चों के प्रोजेक्ट्स
1. प्रेमचंद के निबंधों में चिंतन और संस्कृत
2. Global Warming
3. संत कबीर
4. हमारा आगरा
5. प्रयोजनमूलक हिंदी की प्र्योक्तियाँ
6. बच्चे काम पर जा रहे हे
7. ग्राम श्री ( सुमित्रा नंदन द्वारा रचित)
8. मेघ आये
9. हिंदी परियोजना कार्य
10. मुंशी प्रेमचंद
|