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आलेख

  • सम्रद्ध विरासत समेटे हैं नसीराबाद
  • "सूर्य पथ से" का मूल स्वर राष्ट्रीय चेतना
  • अत्यधिक ...............

रीना जी अन्य वेबसाइट पर

1.'सूर्यपथ से', का मूल स्वर राष्ट्रीय चेतना--------रचनाकार सदैव ही पीड़ित मानवता की वेदना को मुखरित करता है !
सच्चा साहित्यकार अपने युग की परिस्थतियों को अपनी कलम की पैनी धार से समय-शिला पर अमित अंकन करता है ! युगीन परिस्थतियों का सच्चा लेखा-जोखा कवि की लेखनी से प्रस्तुत होता है ! आजादी की लड़ाई को कविओं साहित्यकारों ने अपनी ओजस्वी वाणी के द्वारा लड़ा ! उन्होंने गीतों कविताओं ..............more

2मनोवैज्ञानिक एवं दार्शनिक फलक पर कबीर --------तुम जिन जानों गीत है, यह निज ब्रम्ह विचार रे !
केवल कही समुझाइया, आतम साधन सार रे !कबीर का व्यक्तित्व विराट था!
सच्चे मनो वैज्ञानिक की भूमिका में उन्होंने राजनीति उथल-पुथल एवं राजाओं की शक्तिहीनता से उत्पन्न अनाष्ठ ..............more

3.सम्रद्ध विरासत समेटे है नसीराबाद --------राजिस्थान की धरा वीरता और शौर्य की कीड़ास्थली रही है! मरुधरा के शासकों ने अपने दुर्गों का निर्मार्ण इस राजनीति व शिल्पकला के साथ किया की चारों और से दुश्मनों से सुरक्षित रहें! नसीराबाद के समीप अजयमेरु दुर्ग (तारागढ़) का प्रमुख दुर्ग है ! तारागढ़ की अभेधता के बारे में विशप हैवर ने लिखा है - "यह भव्य दुर्ग पर्वत शिखर पर स्थिर है, जो दो मील के दायरे में फैला है!
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