मित्र ! 
विरोध और अंतव्रिरोध की 
तन्मयता में - 
ध्वनी की गतिमयता हें  
यात्रापथ का सुदूर विस्तार हें, 
जिसमें - 
यत्र - तत्र ख़ूनी धब्बे हें ! 
हें मित्र ! 
इस तन्मयता और गतिमयता में  
फैले हुए ख़ूनी धब्बों में 
जीवन की बोझिलता हें ! 
शायद  
यह खून किसी हिन्दू का हें ! 
या इसाई का, 
किसी सिक्ख का हें, 
या किसी मुसलमान का ! 
यह खून - 
किसी भाई का हें 
यह जीवन का संघर्ष हें, 
केवल संघर्ष ! 
हें मित्र ! 
लक्ष्य - संधान में  
धारा- अंतधारा में, 
बहते हुए नदी के वेग में 
वर्ण-वर्ण, 
व्यंजन व्यंजन  
डाल - डाल 
और - 
पात- पात में, 
कलि और रेशे में पारपरिक  | 
     
गुजरती- 
मानवीय संवेदनाओ का 
खून हें ! 
सड़क पर पड़ी , 
कराहती मानवता  
टिफिन - कैरियर में बंद , 
सड़ी - रोटी की गंध लिएये खून -  
न किसी जाती का हें 
न किसी वर्ण का हें  
ये खून  
आदमियत का खून हें ! 
केवल  
आदमियत का खून हें 
हे मित्र ! 
इन रक्त -सने कपड़ो, 
टिफिन में पड़ी रोटी , 
टूटी साईंकिलें , 
फटे जूते और चिथड़े  
लिबास पर - 
ये खून  
केवल साम्यवाद का  
खून हें ! 
हे मित्र ! 
पारंपरिक क्रियाओ में  
शिशु की प्रतिछारता  
माँ के आँसुओं से 
पूछो- 
उसका धर्म, 
आस्पताल में जूझते  
जख्मियों से  
     | 
    उसके चोट का मर्म ! 
      दिन - दहाड़े जाति के नाम पर  
      होता हुआ खून-ये खून -  
      न किसी जाती का हें 
      न किसी वर्ण का हें  
      ये खून  
      आदमियत का खून हें ! 
      केवल  
      आदमियत का खून हें 
      हे मित्र ! 
      इन रक्त -सने कपड़ो, 
      टिफिन में पड़ी रोटी , 
      टूटी साईंकिलें , 
      फटे जूते और चिथड़े  
      लिबास पर - 
      ये खून  
      केवल साम्यवाद का  
      खून हें ! 
      हे मित्र ! 
      पारंपरिक क्रियाओ में  
      शिशु की प्रतिछारता  
      माँ के आँसुओं से 
      पूछो- 
      उसका धर्म, 
      आस्पताल में जूझते  
      जख्मियों से पूछो - 
      उसके चोट का मर्म ! 
      दिन - दहाड़े जाति के नाम पर  
      होता हुआ खून- |